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Fact Check: मगरमच्छ के पुजारी को मंदिर पहुंचाने का वीडियो वास्तविक नहीं, AI क्रिएटेड है

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मगरमच्छ के पुजारी को मंदिर ले जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तविक नहीं, बल्कि सिंथेटिक है, जिसे एआई की मदद से बनाया गया है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Jun 11, 2025 at 05:57 PM
  • Updated: Jun 11, 2025 at 07:06 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो को धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक गेरुआ कपड़े पहने हुए व्यक्ति को मगरमच्छ की पीठ पर बैठकर पानी में जाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि यह किसी मंदिर का पुजारी है, जिसे मगरमच्छ अपनी पीठ पर बिठाकर ले जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में दावे को फेक पाया और इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तविक नहीं, बल्कि सिंथेटिक है, जिसे एआई टूल्स की मदद से तैयार किया गया है।

क्या है वायरल?

एक्स यूजर ‘þððjå ßï§wå§’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “देखिए सनातन धर्म की ताकत, पुजारी महाराज को मंदिर तक बैठाकर ले जाता है मगरमक्ष।”

पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को करीब 60 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है।

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान संदर्भ में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो देखने में अविश्वसनीय प्रतीत होता है। साथ ही में इसमें नजर आ रहे गेरुआ कपड़े पहने हुए व्यक्ति के हाथों और पैरों की गतिविधियां बहुत सामान्य नहीं है। इन अवलोकन के आधार पर इस वीडियो के सिंथेटिक होने का संदेह होता है।

एआई आधारित टूल्स की आसान उपलब्धता की वजह से इस तरह के वीडियो को बनाना आसान हो गया है। इसलिए हमने इस वीडियो को कई एआई डिटेक्शन टूल की मदद से चेक किया।

हमने इस वीडियो बफलो यूनिवर्सिटी के डीपफेक-ओ-मीटर के आठ डिटेक्टर्स पर चेक किया। इनमें से पांच डिटेक्टर्स ने इस वीडियो के एआई से बने होने की संभावना की पुष्टि की।

इन पांचों डिटेक्टर्स की एनालिसिस को यहां देखा जा सकता है:

AltFreezing (2023): 98%

यहां देखें एनालिसिस रिपोर्ट

FTCN (2021): 100%

यहां देखें एनालिसिस रिपोर्ट

LSDA (2024):83%

यहां देखें एनालिसिस रिपोर्ट

TALL (2023): 100%

यहां देखें एनालिसिस रिपोर्ट

WAV2LIP-STA (2022):87%

यहां देखें एनालिसिस रिपोर्ट

इस एनालिसिस से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो वास्तविक नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड है। अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी एमसीए की पहल डीपफेक्स एनालिसिस यूनिट (डीएयू) से संपर्क किया। डीएयू की टीम ने इस अन्य टूल्स की मदद से इस वीडियो का विश्लेषण किया, जिसमें इसके एआई से बने होने की संभावना की पुष्टि होती है।

डीएयू की तरफ से उपलब्ध कराई गए हाइव एआई डिटेक्शन टूल की एनालिसिस इस वीडियो में ‘एआई जेनरेटेड’ मार्किंग की पुष्टि करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो के Hailuo की मदद से बनाए जाने की संभावना 70 फीसदी से ज्यादा है।

हाइव एआई डिटेक्शन टूल की एनालिसिस, जिसमें इस वीडियो के एआई क्रिएटेड होने के संभावना की पुष्टि होती है।

वहीं, एक अन्य टूल  WasitAI  इस वीडियो के एआई से क्रिएटेड होने की संभावना की पुष्टि करता है।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि मगरमच्छ के पुजारी को मंदिर ले जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तविक नहीं, बल्कि सिंथेटिक है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले अन्य एआई क्रिएटेड मल्टीमीडिया की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को AI चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: मगरमच्छ के पुजारी को मंदिर ले जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तविक नहीं, बल्कि सिंथेटिक है, जिसे एआई की मदद से बनाया गया है।

  • Claim Review : पुजारी को अपनी पीठ पर बिठाकर मंदिर ले जाता मगरमच्छ।
  • Claimed By : X User- þððjå ßï§wå§
  • Fact Check : झूठ
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