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Bihar Chunav: सीट बंटवारे को लेकर BJP-JDU का फॉर्मूला सेट... चिराग, कुशवाहा और मांझी में बंटेंगे 40 सीट?

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NDA Seat Sharing News : बिहार चुनाव 2025 के लिए एनडीए में सीट बंटवारे पर खींचतान चल रही है. लेकिन यह लगभग तय हो गया है कि चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के बीच 40 सीटों में ही बंटवारा होगा? जान...और पढ़ें

सीट बंटवारे को लेकर NDA का फॉर्मूला सेट... इन 3 पार्टियों में बंटेंगे 40 सीट?
बिहार एनडीए में 40 सीटें तीन पार्टियों में बंटेंगी?
हाइलाइट्स
  • एनडीए में सीट बंटवारे पर खींचतान बढ़ी.
  • चिराग पासवान 25-28 सीटों की मांग कर रहे हैं.
  • मांझी की पार्टी 20-40 सीटों की मांग कर रही है.

पटना. क्या बिहार चुनाव से पहले एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है? क्या चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के पार्टियों के बीच 40 सीटों में से टिकट का बंटवारा होगा? बिहार चुनाव से पहले एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल अब औऱ तेज हो गया है. गठबंधन के प्रमुख सहयोगी दलों बीजेपी (BJP), जेडीयू (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. एनडीए के दो मजबूत दल बीजेपी और जेडीयू में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक किसी भी तर ही बात सामने नहीं आई हैं. लेकिन चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे नेताओं की चालें गठबंधन की एकजुटता के लिए चुनौती बन रही हैं.

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल के महीनों में बिहार की राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने पांच सीटों पर शत-प्रतिशत जीत हासिल की, जिससे उनका कद एनडीए के भीतर बढ़ा है. सूत्रों के मुताबिक, चिराग विधानसभा चुनाव में 25 से 28 सीटों की मांग कर रहे हैं. उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना में “बिहार कर रहा है इंतजार, चिराग के स्वागत को बिहार है तैयार” जैसे नारे लगाकर मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी को हवा दी. हालांकि, चिराग ने सार्वजनिक रूप से नीतीश कुमार के नेतृत्व का समर्थन किया है, लेकिन उनके बयानों और कार्यकर्ताओं की मांग ने गठबंधन के भीतर हलचल पैदा कर दी है.

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर मचा है बवाल?
चिराग की रणनीति को बीजेपी के एक वर्ग का समर्थन मिलने की चर्चा है, जो नीतीश कुमार की उम्र और उनकी जेडीयू की घटती सीटों के आधार पर भविष्य में युवा नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहता है. हालांकि, जेडीयू ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि नीतीश ही गठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा रहेंगे.
मांझी का 20-40 सीटों वाला दांव
दूसरी ओर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी अपनी मांगों से एनडीए के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. मांझी ने हाल ही में जहानाबाद में कहा कि उनकी पार्टी को कम से कम 20 सीटें मिलनी चाहिए, जबकि उनके कार्यकर्ता 40 सीटों की मांग कर रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में एचएएम को सात सीटें मिली थीं, जिनमें से चार पर जीत हासिल हुई थी. मांझी का यह दांव उनकी दलित वोट बैंक पर पकड़ और एनडीए में बढ़ती सौदेबाजी की रणनीति को दर्शाता है.

जेडीयू और बीजेपी का संतुलन
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करना एनडीए के लिए आसान नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू 102-103 सीटों और बीजेपी 101-102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जबकि बाकी 40 सीटें चिराग, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम के बीच बंटेंगी. जेडीयू, नीतीश कुमार के नेतृत्व में, गठबंधन में अपनी ‘बड़े भाई’ की भूमिका बनाए रखना चाहती है, खासकर 2024 के लोकसभा चुनाव में 12 सीटें जीतने के बाद.

हालांकि, बीजेपी भी कम सीटों पर समझौता करने के मूड में नहीं है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 100 सीटों के आसपास लड़ेगी और बाकी सीटें सहयोगियों को दी जाएंगी. चिराग और मांझी की बढ़ती मांगों के बीच बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि गठबंधन में कोई दरार न पड़े.

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